गायमाता हमारी माता है,इसका वध नहीं संवर्धन हो,यही भावना विश्व को एकजुट कर सकती है - स्वामी गोपालानंद सरस्वती
आदित्य उपाध्याय | सुसनेर। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव द्वारा मध्य प्रदेश के निराश्रित गोवंश के संरक्षण हेतु सम्पूर्ण मध्यप्रदेश में भारतीय नूतन संवत 2081 से घोषित "गोवंश रक्षा वर्ष" के तहत जनपद पंचायत सुसनेर की समीपस्थ ननोरा, श्यामपुरा, सेमली व सालरिया ग्राम पंचायत की सीमा पर मध्यप्रदेश शासन द्वारा स्थापित एवं श्रीगोधाम महातीर्थ पथमेड़ा द्वारा संचालित विश्व के प्रथम श्री कामधेनु गो अभयारण्य मालवा में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महामहोत्सव के 256 वें दिवस पर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज ने बताया कि आज महाराष्ट्र के समाज सुधारक गाडगेबाबा का निर्वाण दिवस पर बताया कि गाडगे बाबा ने भगवती गोमाता का अनुशरण करते हुए स्वच्छता पर विशेष जोर दिया क्योंकि गोमाता स्वच्छता एवं शुद्धता बढ़ाती है , गोमाता अपने पवित्र गोमूत्र एवं ग़ोबर से अशुद्ध से अशुद्ध स्थान को शुद्ध बना देती है ऐसे ही गाडगे बाबा ने स्वयं सफ़ाई कर स्वच्छता का संदेश देते हुए समाज को शिक्षा के महत्व के बारे में समझाते हुए स्वच्छता और चारित्रिक शिक्षा दी और उन्होंने गरीबों और दलितों के बीच अज्ञानता, अंधविश्वास और अस्वच्छता के उन्मूलन के लिए काम करते हुए धर्म के नाम पर होने वाली पशुबलि, नशाखोरी, छुआछूत जैसी सामाजिक बुराइयों को दूर किया।
अंतर्राष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस पर पूज्य महाराज जी ने देश विदेश में आस्था चैनल के माध्यम से लाईव एवं अन्य संसाधनों से कथा श्रवण करने वाले सभी श्रोताओं को बताया कि मानव एक तभी हो सकता है जब वह अपने को एक परिवार का हिस्सा समझे, अपने आपको एक दूसरे का परिजन समझे और उसके लिए सिर्फ एक ही तरीका है और वह है कि हम अपने आपको गैया मैंया का सपूत समझना शुरू कर दे और जिस दिन पूरा विश्व गायमाता का पुत्र हो जाएगा उस दिन से मानव अपने आप एक हो जाएगा । वैसे तो कहां भी है "गांवों विश्वस्य मातर:" अर्थात गायमाता जगत की माता है,यह बात सारा संसार कहता है,मानता है लेकिन जिस प्रकार से अपनाना चाहिए वैसा नहीं हो रहा है । देश दुनियां के लोग यह तय कर ले कि "गायमाता हमारी माता है,इसका वध नहीं संवर्धन होना चाहिए" तो मानवमात्र एक समान व्यवहार कर सकता है यानि विश्व की एकता तभी संभव है,जब सब मानने लग जाएं कि गाय हमारी स्वयं की माता है,स्वयं को हम गायमाता की संतान मान लेंगे तो हम विश्वबन्धुत्व की भावना को स्थापित कर पाएंगे ।
*विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में चल रहें एक वर्षीय वेदलक्षणा गो आराधना महोत्सव के लिए राजस्थान के बागड़ क्षेत्र की गोवर्धन गोशाला तलवाड़ा(बांसवाड़ा) से 51 गौभक्तों का दल शनिवार को गो अभयारण्य के लिए रवाना होकर गो अभयारण्य पहुंचेगा व भारत विकास परिषद् आगर के सेंकड़ों कार्यकर्ता आगामी 22 दिसम्बर 2024 रविवार को गोमाता के लिए 56 भोग लेकर पधारेंगे ।
*दिल्ली के दीपक वर्मा व पिड़ावा के विशाल गुप्ता ने अपना जन्मदिन विश्व के प्रथम गो अभयारण्य में अपने परिजनों के साथ गो पूजन करके मनाया*
*गो कृपा कथा के 256 वें दिवस श्री अम्बालाल सुथार केन्द्रीय निदेशक
श्री गोधाम महातीर्थ पथमेड़ा, जयराम मीणा
राजेन्द्र कुमार मीणा अजमेर आदि अतिथि उपस्थित रहें*
*256 वे दिवस पर चुनरीयात्रा दिल्ली, उत्तरप्रदेश एवं राजस्थान से*
एक वर्षीय गोकृपा कथा के 256 वें दिवस पर चुनरी यात्रा दिल्ली से श्रीमति अनिता एवं श्री रवि वर्मा दिल्ली ने अपने पुत्र दीपक वर्मा पुत्रवधू श्रीमति गरीमा एवं पौत्र खुश पौत्री यशिका के साथ आज अपने पुत्र दीपक वर्मा के जन्मदिवस पर चुनरी यात्रा एवं उत्तर प्रदेश के आगरा निवासी श्री करतार सिंह एवं श्रीमती प्रेमवती देवी आगरा व राजस्थान के झालावाड़ जिले की पिड़ावा नगर गोभक्त विशाल गुप्ता ने अपने जन्मदिवस पर ममता, पवन गुप्ता माता पिता छोटी बहिन मिताली गुप्ता एवं बुआजी श्रीमती प्रेमलता पालीवाल रायपुर के साथ व पिड़ावा तहसील के ओसाव ग्राम से रामेश्वर पटेल,रामगोपाल पटेल सहित ग्राम की महिला मंडल ने अपने परिवार की और से सम्पूर्ण विश्व के जन कल्याण के लिए गाजे बाजे के साथ भगवती गोमाता के लिए चुनरी लेकर पधारे और कथा मंच पर विराजित भगवती गोमाता को चुनरी ओढ़ाई एवं गोमाता का पूजन कर स्वामी गोपालानंद सरस्वती महाराज से आशीर्वाद लिया और अंत में सभी ने गो पूजन करके यज्ञशाला की परिक्रमा एवं गोष्ठ में गोसेवा करके सभी ने गोव्रती महाप्रसाद ग्रहण किया।