मनोज रावत  रिपोर्ट sky India news channel

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*आपदा प्रबंधन और अन्य आपदाओं से निपटने के लिए पुख्ता प्लान तैयार हो*

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*किसी भी घटना से निपटने के लिए अधिकतर रिस्पांस टाइम 15 मिनट होना चाहिए*

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*अपर मुख्य सचिव श्री राजौरा ने सिंहस्थ कार्यों की समीक्षा बैठक ली*
 

उज्जैन,02 फरवरी। अपर मुख्य सचिव श्री राजेश राजौरा ने रविवार को उज्जैन के कलेक्टर कार्यालय में सिंहस्थ 2028 की तैयारी के लिए कार्यों की समीक्षा बैठक की।

बैठक में उन्होंने अभी तक शुरू किए गए कार्य, प्रस्तावित कार्य और आने वाले समय में होने वाले कार्यों के लिए अलग-अलग विभागों के प्रदेश स्तरीय अधिकारियों के साथ चर्चा की और आवश्यक दिशा निर्देश दिए।

 बैठक में संभाग आयुक्त श्री संजय गुप्ता, एडीजी श्री उमेश जोगा, कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह, डीआईजी श्री नवनीत भसीन, एसपी श्री प्रदीप शर्मा एवं अन्य विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ने निर्देश दिए की स्थाई प्रकृति के सभी कार्यों को अनिवार्य रूप से 31 दिसंबर 2027 के पूर्व ही पूर्ण कर लिया जाए। इसमें किसी प्रकार की कोई लापरवाही ना हो, वर्तमान में जितने भी कार्य संचालित हो रहे हैं या निर्माणाधीन हैं और प्रस्तावित हैं उन सभी के लिए अब प्रति माह बैठक होगी और आगामी समय में इन सब कार्यों में लापरवाही होने पर उनका उत्तरदायित्व भी तय किया जाएगा।

श्री राजौर ने सिंहस्थ 2028 के लिए अलग-अलग विभागों के उपखंड बनाने के निर्देश भी दिए हैं, जिसमें संबंधित विभाग के अधिकारियों को अलग से पदस्थ कर सिंहस्थ के कार्यों को कराया जाना सुनिश्चित किया जाएगा।

बैठक में अपर मुख्य सचिव ने कहा कि भीड़ प्रबंधन के साथ-साथ आपदा प्रबंधन सर्वोच्च प्राथमिकता में रखा जाए और यह सुनिश्चित किया जाए की शाही स्नान वाले दिनों में आपदा प्रबंधन के लिए अधिकतम रिस्पांस समय 15 मिनट होना चाहिए। इस अवधि में राहत और अन्य आवश्यक कार्य पूर्ण हो सकें, इसके लिए लगातार मॉक ड्रिल करें और कार्य योजना बनाएं, आग लगने की घटनाओं को तत्काल रूप से रोकने के लिए मेला क्षेत्र में पाइपलाइन भी डालें और यह सुनिश्चित करें कि छोटे फायर फाइटर वहां जल्दी पहुंच सकें। इसी के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए भी अलग-अलग जगह ट्रामा सेंटर बनाकर तत्काल कार्रवाई के करने की योजना अनुसार काम हो।

श्री राजौरा ने बैठक में निर्देश दिए कि सिंहस्थ के अंतर्गत समस्त निर्माण कार्य 31 दिसंबर 2027 तक पूर्ण करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। अखाड़ों, साधू-संतों के लिए आवंटित स्थान के अनुसार ही मेपिंग की जाए। उनका स्थान निश्चित हो। सिंहस्थ के पूर्व ही बोर्डिंग की व्यवस्था की जाए। विगत सिंहस्थ 2004, 2016 में जो व्यवस्थाएं की गई थी उसका अध्ययन किया जाए। सभी अखाड़ों/साधू-संतों से पूर्व में बातचीत कर तथा उन्हें पूर्णत: विश्वास में लेकर अनुसमर्थन के साथ जगह आवंटित की जाए।

इसके साथ ही पीडब्ल्यूडी के द्वारा किए जा रहे कार्यों का कार्यों की समीक्षा की गइ। निर्देश दिए गए कि पीडब्ल्यूडी सड़क बनाने के लिए जो भी कार्रवाई कर रही है उसको तत्काल रूप से स्वीकृत कराएं डीपीआर बनाकर इसको मंत्रिमंडलीय समिति को भेजा जाए।

जो कार्य केंद्रीय मद से होना है उनके लिए भी डीपीआर बनाकर आवश्यक होने पर टेंडर जारी करें।

रेलवे संबंधी कार्यों के समीक्षा करते हुए श्री राजौरा ने कहा कि रेलवे ट्रेन से सबसे अधिक आम जनता आने की संभावना है और इसके लिए रेलवे की सारी व्यवस्थाएं पुख्ता होना चाहिए। वर्तमान में जो भी तैयारीयां की जा रही हैं उसे दोगुनी कैपेसिटी के साथ जनता के लिए आवश्यक तैयारियां की जाना चाहिए।

इसके लिए जिला प्रशासन व रेलवे विभाग संयुक्त रूप से संबंधित के साथ अपनी कार्य योजना बनाने जितने भी आवश्यक कार्य हैं जो 2 साल या उससे अधिक समय में होना है उसके लिए तत्काल रूप से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजें। जिससे रेलवे मंत्रालय से चर्चा कर उसको पूर्ण किया जा सके।

बैठक में कलेक्टर श्री नीरज कुमार सिंह ने सिंहस्थ 2028 के कार्यों का विवरण भी प्रस्तुत किया और बताया कि कान्ह डक्ट परियोजना, सेवरखेड़ी-सिलरखेड़ी परियोजना और हरियाखेड़ी परियोजना से उज्जैन में क्षिप्रा नदी के अविरल बहने व शुद्ध पेयजल की समस्या का समाधान होगा।

पीडब्ल्यूडी के द्वारा अनेक निर्माण कार्य किया जा रहे हैं। इसके लिए भी कार्य तेज गति से जारी है। क्षिप्रा नदी पर बनने वाले पुलों के लिए भी ब्रिज कारपोरेशन के द्वारा टेंडर जारी किए जा रहे हैं। 29 किलोमीटर के घाटों के लिए टेंडर जारी किए जा चुके हैं।

पुलिस अधीक्षक श्री प्रदीप शर्मा ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए 42000 से अधिक जवान यहां तैनात रहेंगे। इसके साथ दो नए थाने महाकाल लोक और तपोभूमि पर बनाए जा रहे हैं। इसी के साथ जगह-जगह छोटी-छोटी चौकियां बनाकर कार्य किया जा रहा है।

बैठक में संभाग आयुक्त श्री गुप्ता ने बताया कि राजस्थान, गुजरात और दक्षिण की ओर से आने वाले यातायात के साथ-साथ मुंबई व दिल्ली से एयरपोर्ट रोड़ को जोड़ने के लिए भी नए रोड़ प्रस्तावित किए गए हैं। जिनको एनएचएआई के द्वारा बनाया जाएगा। उज्जैन की क्षिप्रा नदी के किनारे क्षिप्रा पथ बनाया जाएगा। इंदौर उज्जैन के बीच नया ग्रीन फील्ड कॉरिडोर भी बनाया जा रहा है। इसके लिए भी प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा जा चुका है। शिप्रा नदी पर पुलों के निर्माण के लिए कार्य योजना बना ली गई है। काम की एकरूपता के लिए सभी संबंधित एजेंसियों को आपस में समन्वय के साथ कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया है। एमपीआरडीसी के द्वारा हरीफाटक तक बनने वाले सिक्स लेन ओवरब्रिज के लिए भी सैद्धांतिक मंजूरी हो गई है। इसी के साथ मास्टर प्लान की रोड एम आर 24 ,आईएसबीटी बस स्टॉप और पार्किंग संबंधी विषयों पर भी चर्चा हुई।

इस संबंध में अपर मुख्य सचिव डॉ.राजौरा ने कहा कि शाही स्नान वाले दिन अधिकतम 3 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं का आना संभावित है, इसको देखकर सभी व्यवस्थाएं सुनिश्चित हों जिससे कि सामान्य दिनों व पर्वो पर भी व्यवस्थाएं सुचारू रूप से चल सकें।

बैठक में निर्देश दिए गए कि पार्किंग के लिए यह सुनिश्चित किया जावे के शिप्रा नदी तक आने के लिए आम जनता को ज्यादा नहीं चलना पड़े और वाहनों को भी व्यवस्थित रूप से पार्क किया जा सके।

श्री राजौरा ने बैठक में कहा कि रेलवे और प्रशासन के अधिकारियों को प्रयागराज महाकुंभ में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए भेजा जाए। उनका अध्ययन करके आधिकारिगण उज्जैन की स्थिति के अनुसार सिंहस्थ महापर्व के लिए व्यवस्थाओं का आकलन कर योजना बनाए।

रेलवे की समीक्षा के दौरान उन्होंने निर्देश दिए की रेलवे ट्रैक को दोनों ओर से कवर किया जाए। सिंहस्थ के दौरान स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा के दौरान श्री राजौरा ने निर्देश दिए कि भीड़ प्रबंधन में एंबुलेंस और फायर ब्रिगेड के लिए ग्रीन फील्ड कॉरिडोर की व्यवस्था हो।  

साफ सफाई की व्यवस्था की समीक्षा के दौरान बताया गया कि सिंहस्थ में 740 टन सॉलिड वेस्ट कचरा प्रतिदिन उत्पन्न होगा। इसके लिए 50 हजार बायो टॉयलेट का निर्माण किया जाएगा। श्री राजौरा ने निर्देश दिए कि नगर निगम सार्वजनिक शौचालयों की मैपिंग करें तथा उनका प्रबंधन कैसे होगा इसकी विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए।

यातायात व्यवस्था की समीक्षा के दौरान ट्रैफिक मैनेजमेंट, भीड़ नियंत्रण और प्रबंधन तथा सामान्य स्थिति में पार्किंग व्यवस्था कैसी रहेगी इस पर विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। सिंहस्थ में फायर सेफ्टी के लिए माइक्रो प्लानिंग की जाए।

सिंहस्थ 2028 मेला क्षेत्र एवं शहर के प्रमुख मार्गों, चौराहों, घाटों और रेलवे स्टेशन पर महत्वपूर्ण सूचनाओं तथा संदेशों एवं गुम व्यक्तियों की जानकारी का प्रसारण वीएमडी (वेरिएबल मैसेज डिस्प्ले) पर किया जाएगा। सिंहस्थ में आए श्रद्धालुओं के लिए वीएमएस पर महाकालेश्वर मंदिर, हरसिद्धि मंदिर, कालभैरव मंदिर, मंगलनाथ मंदिर के दर्शन लगातार स्क्रीन पर भी कराएं। श्री राजौरा ने कहा कि रेलवे स्टेशन पर सुविधाओं के विस्तार के लिए विस्तृत कार्य योजना बनाई जाए। आम आदमी के लिए सिंहस्थ 2028 में आने का प्रमुख साधन रेलवे ही रहेगा। आसपास के स्टेशन का उन्नयन कराया जाए। सैटेलाइट स्टेशन की कार्य योजना भी बनाई जाए। पंवासा, मोहनपुरा, विक्रम नगर सेटेलाईट स्टेशन बनेंगे और लालपुल को फ्लेग स्टेशन बनाया जाने का प्रस्ताव है।

कानून व्यवस्था की समीक्षा के दौरान जानकारी दी गई कि सदावल हेलिपेड मार्ग पर नवीन थाना बनाया जाएगा जो कि सिंहस्थ सिटी पर विशेष ध्यान देगा। इसके अलावा कार्तिक मेला और डेंडिया में यातायात थाने बनाए जाएंगे। मेला क्षेत्र में अस्थाई थानों के साथ हॉस्पिटल एवं फायर स्टेशन के लिए भी स्थान रहेगा। बैठक में श्री राजोरा ने निर्देश दिए कि कंपोसिट कंट्रोल रूम नृसिंह घाट के स्थान पर पुलिस कंट्रोल रूम ही बनाए जाए।

बैठक में सिंहस्थ 2028 के अंतर्गत उज्जैन शहर में अन्य विभागों के अंतर्गत स्वीकृत/प्रस्तावित पुल एवं आरओबी की जानकारी दी गई। इसमें बताया गया कि क्षिप्रा नदी पर कुल 07 पुल और 05 रेलवे ओवर ब्रिज स्वीकृत हुए हैं। इनमें हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड़ पर क्षिप्रा नदी पुल के समानांतर नवीन टू लेन पुल, हरिफाटक से रिंग रोड़, इंदौर रोड़, भैरवगढ़ पर क्षिप्रा नदी पर पूर्व से निर्मित पुल के समानांतर नवीन टू लेन पुल और तपोभूमि से हामूखेड़ी मार्ग पर क्षिप्रा नदी पर नवीन टू लेन पुल का निर्माण स्वीकृत हो चुका है। इसी प्रकार हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड़ पर पुराने रेलवे संपार क्रमांक 25 एवं क्रमांक 08 रेलवे ओवर ब्रिज के समानांतर आरओबी हरिफाटक, लालपुल, मुल्लापुरा रोड़ पर पुराने संपार क्रमांक 23 पर मौजूदा आरओबी के समानांतर रेलवे ओवर ब्रिज, इंदौर-उज्जैन सिक्सलेन मार्ग पर शनि मंदिर के पास पुल और क्षिप्रा नदी पर पुल निर्माण की स्वीकृति प्रदान कर दी गई। इसके अलावा 08 पुल और 03 आरओबी स्वीकृत होना बाकी है।इ